कहीं खो गया हूँ मैं
इस भीड़ भरी दुनिया में अपना वजूद तलाशता हूँ मैं।
मैं हूँ कि नहीं हर वक़्त ये सोचता हूँ मैं।
कभी लगता है कि कहीं खो गया हूँ ।
खोया हुआ ही सही, खुद को पाना चाहता हूँ मैं।
इस दुनिया में मिले कई चेहरे मुझे।
कुछ झूठ में सने तो कुछ मुखौटा लगाये दिखे मुझे।
सब अपनी मर्ज़ी से मुझे समझने में लगे थे।
ऐसा कोई ना था जो मुझसे समझ पाए मुझे।
अंदर जो अँधेरा सा है वो अब अच्छा लगता है।
इस अँधेरी खामोशी में जो अपनापन है वो सच्चा लगता है।
रौशनी में भी क्या मिला, स्वार्थी लोग और गंदी सोच।
खुद से ही बातें करना, अब अच्छा लगता है।
कुछ टूटा सा कुछ बिखरा सा मैं खुद में ही खोया हूँ।
इस दुनिया से दूर किसी कोने में अकेला ही सोया हूँ।
लोग भी हैं साथ भी है लेकिन अंदर एक खालीपन सा है।
मैं यूँ अंधेरे में किसी जुगनू की तरह खोया हूँ।
ज़िन्दगी के इस सफ़र में ठहर सा गया हूँ मैं।
मंज़िल भी है रास्ता भी है, पर कहीं बिछड़ सा गया हूँ मैं।
समझ नहीं आता मैं कहाँ जाऊँ और क्यों जाऊँ।
सब कुछ होकर भी कुछ ना होना, कुछ इस तरह उलझ सा गया हूँ मैं।
अंदर ही अंदर मैं सिमटता जा रहा हूँ।
दिन कट रहे हैं और मैं गिनता जा रहा हूँ।
कभी वो दिन भी आएगा जब मेरे सपने पूरे होंगे।
इस उम्मीद में खुद को बचाए मैं चलता जा रहा हूँ।
Nice one
ReplyDeleteBhai Mera blog search karne par hi di me aa rha hai yrr aaisa kyu
ReplyDeleteकभी किसी की हैसियत देखकर मोहब्बत मत करना,
ReplyDeleteहो सकता है गरीब कपड़ों में बहुत अमीर दिल छुपा हो। 💖👕
कुछ इंसान अच्छे कपड़ों के मोहताज नहीं होते हैं,
उनका हुनर ही लिबास में चार चाँद लगा देता है। 🌟✨