Posts

Showing posts from January, 2019

देश की शान हो तुम...

हमारा अभिमान हो तुम, देश की शान हो तुम। तुम सरहदों पे खड़े हो, तिरंगे की आन हो तुम। तुम्हारे जागने से हम सोते हैं, तुम्हारे होने से ही हम होते हैं। हर मंदिर की आरती, हर मस्जिद की अज़ान हो तुम। हमारा अभिमान हो तुम, देश की शान हो तुम।। भूकंप से लेकर बाढ़ तक, बोरवेल के राड़ तक। मैदानों की आग से लेकर, कश्मीर के पथराव तक। याद तुम्हारी आती है, आतंक के आकाओं तक। तुम हो इस देश की जमीन, और आसमान हो तुम। हमारा अभिमान हो तुम, देश की शान हो तुम।। घर से दूर सरहद पर, देश की रक्षा को सदैव तत्पर। जाड़ा, गर्मी या बरसात, कर सकें ना कोई असर तुम पर। जाने किस मिट्टी के बने हो, सीना ताने यूँ खड़े हो। सैकड़ों दुश्मनों की टोली पर, आग से बरस पड़े हो। इस चाटूकारिता की नीति से, फर्क तुम्हें भी पड़ता होगा। छोड़ चलूँ मैं ये वनवास, मन तुम्हारा करता होगा। देश बड़ा है ये कहकर, फिर तुम खुद को समझाते होगे। अनुशासन की पराकाष्ठा पर, फिर तुम खुद को पाते होगे। अपमान तुम्हारा करते हैं वो, जिनकी रक्षा तुम करते हो। पत्थर का जवाब गोली से देते, तुम इतना सहन क्यों करते हो। एक बार तो छोड़ो उन्ह...